#daduji
॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली*
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी,
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान)
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*यहु तन ना रहै भाई ।*
*दिना दहुं चहुं मांहिं सबको चल्यौ जग जाई ॥(टेक)*
*बिष्णु ब्रह्मा शेष शंकर सो न थिर थाई ।*
*देव दानव इन्द्र केते गये बिनसाई ॥१॥*
अरे भाई ! हमारा यह शरीर सर्वथा नाशवान् है । हम सभी का यह शरीर एक दिन इस संसार को छोड़कर चला जायगा ॥टेक॥
बड़े बड़े ब्रह्मा, विष्णु या शंकर अवतरित हुए, वे भी स्थिर नहीं रह पाये । कितने ही देव, दानव, इन्द्र आये और नष्ट हो गये ॥१॥
(क्रमशः)
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