#daduji
॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली*
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी,
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान)
.
.
*काया कलश भराइये रङ्ग हो हो होरी ।*
*प्रेम प्रीति घसि घोरि रंगनि रङ्ग हो हो होरी ।*
*सहज सील सत अरगजा रङ्ग हो हो होरी ।*
*भाव भगति झकझोरि रंगनि रङ्ग हो हो होरी ॥१॥*
काया रूप घट में रंग भर लीजिये । उसमें प्रेम प्रीति का रसरंग भी मिला दीजिये । सहजावस्था का रसरंग शीलसत शरीर पर डालिये । इसे हमारी भावभक्ति में द्विगुण शक्ति आ जायगी ॥१॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें