शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

= सुन्दर पदावली(२७. राग धनाश्री - १/१) =

#daduji
॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥ 
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली* 
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी, 
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान) 
*काया कलश भराइये रङ्ग हो हो होरी ।* 
*प्रेम प्रीति घसि घोरि रंगनि रङ्ग हो हो होरी ।* 
*सहज सील सत अरगजा रङ्ग हो हो होरी ।* 
*भाव भगति झकझोरि रंगनि रङ्ग हो हो होरी ॥१॥* 
काया रूप घट में रंग भर लीजिये । उसमें प्रेम प्रीति का रसरंग भी मिला दीजिये । सहजावस्था का रसरंग शीलसत शरीर पर डालिये । इसे हमारी भावभक्ति में द्विगुण शक्ति आ जायगी ॥१॥
(क्रमशः)

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