गुरुवार, 5 सितंबर 2019

= १८ =

卐 सत्यराम सा 卐
*दादू लीला राजा राम की, खेलैं सब ही संत ।*
*आपा पर एकै भया, छूटी सबै भरंत ॥* 
*(श्री दादूवाणी ~ साधु का अंग)*
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साभार ~ Tapasvi Ram Gopal
.*योग शक्ति से नृप शक्ति लज्जित -*
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योगी जन की शक्ति से, नृप भी लज्जित होय ।
नृप भैंसे पषाण गज, देख चकित सब कोय ॥२१॥
दादूपंथी योगी संत पषाणदासजी उज्जैन में भैंस पर बैठे हुये जा रहे थे । सामने से हाथी की सवारी से वहां के राजा आ निकले ।
राज - पुरुषों ने उनको कहा - 'राजा आ रहे है, हट जाओ ।'
पाषाणदासजी - 'राजा कहां है ? राज-पुरुष हाथी पर आ रहे है।'
इतने में राजा भी पास ही आ गये थे । पाषाणदासजी ने कहा - हाथी पर तो मैं हूँ ।'
इतना कहते ही राजा भैंसे पर और पाषाणदासजी हाथी पर बैठे हुये सबको दीख पड़े । यह देखकर राजा बड़ा लज्जित हुआ और पाषाणदासजी का शिष्य भी बन गया।
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
######## सत्य राम सा

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