बुधवार, 4 सितंबर 2019

= १५ =

卐 सत्यराम सा 卐
*कौण पटंतर दीजिये, दूजा नाहीं कोइ ।*
*राम सरीखा राम है, सुमिर्यां ही सुख होइ ॥* 
*(श्री दादूवाणी ~ स्मरण का अंग)*
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साभार ~ Tapasvi Ram Gopal
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*नाम से अधिक जाप की शक्ति -* 
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अधिक नाम के जप से, शक्ति आप ही आ जाय ।
संत लिखत हरिनाम से, पंथ पाथ में पाया ॥१०५॥
वर्षाकाल था, नदी का वेग बहुत बढ रहा था । एक पथिक को उसी समय पार जाना था । उसने सुन रखा था कि राम नाम से मार्ग मिल जाता है । हाथ में राम नाम लिख कर हाथ को आगे करके पाथ(जल) में घुसा, किन्तु डूबने लगा इससे पीछा निकल कर इधर-उधर देखने लगा । 
उसकी दृष्टि में एक छोटी कुटिया आई । वहां गया और एक संत को बैठा देखकर उनसे प्रार्थना की । 'भगवन ! मेरा जरूरी कार्य है, इसलिये मैं अभी पार जाना चाहता हूं ।' बारंबार आतुरता के साथ प्रार्थना करने पर संत ने उसके हाथ पर 'राम नाम' लिख करके कहा- 'हाथ को आगे करके नदी में उतर जाना, पार हो जायेगा ।' 
वह बोला - 'ऐसा तो मैंने किया था किन्तु डूबने लगा इससे पीछा ही निकल कर आपके पास आया हूं ।' संत - तेरे नाम लिखने में और मेरे लिखने में भेद है । मैंने नाम का जाप अधिक मात्रा में किया है और तू ने नहीं किया । अब जा, पार हो जायेगा ।' वह गया और पार हो गया ।
इससे सूचित होता है कि नाम का अधिक जाप करने से शक्ति आप ही आ जाती है।
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
######## सत्य राम सा

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