मंगलवार, 17 सितंबर 2019

= ४२ =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
*जहँ आत्म तहँ राम है, सकल रह्या भरपूर ।*
*अन्तर्गत ल्यौ लाइ रहु, दादू सेवक सूर ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ लै का अंग)*
====================
साभार ~ Tapasvi Ram Gopal​
.
*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ##भाग २ ##एकाग्रता*
#############################
सत्य होत संकल्प है, एकाग्रहता क्षण मांहि ।
दादु हृदय संकल्प के, होत चित्र रहे नांहि ॥३१७॥
नरेना गांव में श्री रधुनाथजी के मन्दिर में सन्तवर दादूजी ठहरे हुये थे । उसमें विशेष चित्रकारी होने से दर्शकों की भीड़ बहुत आती थी । उससे ध्यान में विध्न होने के कारण दादूजी के ह्दय में संकल्प हुआ कि यह चित्रकारी नहीं होती तब तो इतने लोग यहां नहीं आते और मेरी एकाग्रता में विध्न नहीं होता ।
इस संकल्प के होते ही संपूर्ण चित्रकारी क्षण भर में ही लय हो गई । इससे सूचित होता है कि एकाग्रह का संकल्प क्षण भर में ही सत्य हो जाता है ।
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्य राम सा ###

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें