शनिवार, 7 सितंबर 2019

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🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*साधु निर्मल मल नहीं, राम रमै सम भाइ ।*
*दादू अवगुण काढ कर, जीव रसातल जाइ ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ निंदा का अंग)*
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साभार ~ Tapasvi Ram Gopal
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दोष दृष्टि से भक्त पै, गये शक्ति हो हीन ।
गये नारायणदास पै, शक्ति हो गयी क्षीन ॥४४४॥
किये छेड़ हरि भक्त से, होती हानि महान ।
चंपालाल चँपली हुआ, झूठ न जान सुजान ॥४४६॥
संतवर दादूजी के शिष्य संत घड़सीदास जी के शिष्य नारायणदासजी चांपासर ग्राम में गये हुये थे । उन्हें नये बाजरे की रोटी जिमाने के लिये भक्त कचराराम जाट ने सरकारी छाप तोड़कर कुछ बाजरा निकाल लिया था ।
उस समय चांपासर चम्पालाल मेहता के ठेके में था । उसने बाजरा निकालने का दोष नारायणदासजी पर लगाया और उन्हें बुलवाने के लिये कुछ सिपाही भेजे । बहुत बार भेजे किन्तु वे न ला सके तब नारायणदासजी यह सोच कर कि सिपाहियों को बार बार कष्ट देता है स्वयं ही उसके पास जा कर बोले - 'चपली क्या कहती है ?
बस, इतना कहते ही वह पुरुष से स्त्री बन गया । फिर सब ग्रामवासियों के विशेष प्रार्थना करने पर उसे पुरुष तो बना दिया किन्तु यादगार के लिये उसका बोबा(स्तन) स्त्री का सा ही रख दिया गया । ताकि आगे से संतों के झूठा दोषा रोपण न लगाये ।
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
######## सत्य राम सा

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