रविवार, 8 सितंबर 2019

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🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*हिरदै राम रहै जा जन के, ताको ऊरा कौण कहै ।*
*अठ सिधि, नौ निधि ताके आगे, सनमुख सदा रहै ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ हिरदै का अंग)*
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साभार ~ Tapasvi Ram Gopal
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*हरि नाम के समान कुछ भी नहीं -*
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सुकृत माया आदि सब, नाम तुल्य कुछ नाँहि ।
नामदेव ने प्रगट यह, किया तुला के माँहि ॥९३॥
एक सेठ ने ग्राम के सभी साधु और ब्राह्मणों को दान लेने के लिये बुलाया था किन्तु नामदेवजी दिन लेने नहीं गये । सेठ ने आग्रह पूर्वक बुलाय कर उन्हें देना चाहा किन्तु नट गये ।
सेठ ने कहा - 'कुछ तो आपको लेना ही पड़ेगा ।'
इस पर नामदेवजी ने एक तुलसी पत्र पर 'रा'(राम का आधा नाम) लिख करके कहा 'इसके बराबर सुवर्ण दे दो ।'
सेठ - 'इसके बराबर तो कुछ भी नहीं चढेगा ।'
नामदेवजी - 'इससे अधिक मैं कुछ भी नहीं लूंगा ।'
सेठ ने "रा" सहित तुलसी पत्रक को तुला पर चढाया और अपनी सम्पूर्ण धन राशि अपने संपूर्ण सुकृत भी चढा दिये किन्तु "रा" की बराबर नहीं हो सके । "रा" का पलड़ा भूमी पर ही लगा रहा । इससे सुचित होता है कि हरि नाम के बराबर कुछ भी नहीं है । 
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
######## सत्य राम सा

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