रविवार, 8 सितंबर 2019

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🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*प्रकट दर्शन परसन पावै,*
*परम पुरुष मिलि मांहि समावै ॥*
*ऐसा जन्म नहीं नर आवै,*
*सो क्यों दादू रतन गँवावै ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ पद्यांश. ३४)*
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साभार ~ Tapasvi Ram Gopal
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*हरि नाम से तुच्छ काम लेना निरी भूल -*
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तुच्छ काम हरिनाम से, लेना है अति भूल ।
सिंह न छोडू श्वान पर, गज पर छोडू फूल ॥ १०२ ॥
एक मनुष्य ने सिंह पाल रखा था । सिंह सब प्रकार उसके वश में था । वह एक राजा का नौकर हो गया । एक दिन राजा की सवारी जा रही थी । वह भी सिंह को साथ लिये सवारी के साथ था । रास्ते में एक पागल कुत्ता आ गया ।
राजा ने सिंह वाले मनुष्य को आज्ञा दी कि - 'इस कुत्ते पर सिंह को छोड़ो ।' वह बोला - महाराज ! यह नहीं हो सकता, मैंने कुत्ते पर छोड़ने के लिये सिंह नही पाला है । यदि आप किसी मतवाले हाथी पर छोड़ने को कहते तो मैं अवश्य फूलकर(प्रसन्न होकर) छोड़ देता ।
इससे सूचित होता है कि छोटे कार्य के लिये बड़े साधन का उपयोग करना भूल है । भगवान् नाम तो परम कठिन मुक्ति रूप कार्य के लिये ही लिया जाता है । नाम से तुच्छ कार्य लेना निरी भूल है ।
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
######## सत्य राम सा

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