शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

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🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*हीरा मन पर राखिये, तब दूजा चढै न रंग ।*
*दादू यों मन थिर भया, अविनाशी के संग ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ मन का अंग)*
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साभार ~ Tapasvi Ram Gopal
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*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ##भाग १ ##सुख दुख निरूपण*
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चित बिना होता नहीं, सुख-दुखादि का ज्ञान ।
हुआ न अदीठ काटते, शिवानन्द को भान ॥६३॥
शिवानन्द नामक एक बंगाली संत के पीठ में अदीठ हुआ । करांची में उसे निकालने के लिये डाक्टर ने आपरेशन के समय उन्हे बेहोशी की दवा सुंघाने को कहा तब वे बोले - "दवा सुंघाने की आवश्यकता नहीं है, मैं बैठ जाता हूं तुम निकाल लो ।"
डाक्टर ने वैसा ही किया । फोड़े को निकालने में समय भी अधिक लगा किन्तु वे बैठे ही रहे । कुछ दिन पश्चात उन्हे पूछा कि - "आपके उस दिन दर्द कैसे नहीं हुआ ?" उसने कहा - मैंने अपना मन ईश्वर में लगा दिया था । मन बिना सुख दुख का भान नहीं होता ।
### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ###
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्य राम सा ###

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