शनिवार, 16 नवंबर 2019

= १५२ =


🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
*नहीं तहाँ तैं सब किया, आपै आप उपाइ ।*
*निज तत न्यारा ना किया, दूजा आवै जाइ ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ समर्थता का अंग)*
=====================
साभार ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी ​ 
.
*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु* *भाग ३* *भक्त* 
############################
एक समय दादूपंथी संत सुखरामजी कुचेरा के पास बछवारी के रावण नाडे(तलाब) पर जा निकले और उसकी बुरी दशा देखकर खुदवाने का संकल्प किया । पशु चराने वाले बालकों से कहा - 'तुम इस तालाब को खोदोगे तो तुम्हे हलवा मिलेगा किन्तु यह बात अपने माता पिता आदि से नहीं कहना ।' बालकों ने स्वीकार कर लिया । खोदना आरंभ हो गया । 
सुखराम जी अपनी अलौकित शक्ति से हलवा तैयार करके प्रतिदिन खिलाते रहे । एक महीने यह कार्य चलता रहा ।
बालकों के माता पिता आदि यह देखकर कि बालक रोटी पहले से कम खाते हैं और बलवान भी होते जाते हैं, यह क्या बात है ? खोज करने पर ज्ञात हो गया तब सुखरामजी वहां से चल पड़े ।
भक्त अलौकिक शक्ति से, करते पर उपकार ।
रावण नाडा करा दिया, बच्चों से तैयार ॥४६१॥
#### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ####
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्यराम सा ###

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें