🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
*सेवक की रक्षा करै, सेवक की प्रतिपाल ।*
*सेवग की वाहर चढै, दादू दीन दयाल ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ विनती का अंग)*
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साभार ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु* *वैराग्य*
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सुरसुरीजी अपने पति सुरसुरानन्दजी के साथ वृन्दावन में आकर विशेष विरक्त होने से एकान्त में भजन करने में लगी थी । एक समय उनकी कुटी के पास एक मुसलमानी यूथ ने अपना पड़ाव डाला । यूथ का सरदार सुरसरी को देख काम के वशीभूत हो उसे पकड़ने की आज्ञा दी । उसी समय भगवान सिंह के रूप में प्रकट हुए और मुसलमानों को मारकर भगा दिया और सुरसुरी की रक्षा की ।
करते रक्षा विरत की, सत्वर श्रीभगवान ।
रक्षा की सुरसरी की, होकर सिंह महान ॥२१३॥
#### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ####
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्यराम सा ###

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