गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

= १९७ =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
*दादू कथनी और कुछ, करणी करैं कछु और ।* 
*तिन थैं मेरा जीव डरै, जिनके ठीक न ठौर ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ साँच का अंग)*
=====================
साभार ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी​ 
.
*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु* *भाग २* *क्षमा*
#################### 
युधिष्ठर आदि राजकुमारों को एक दिन पाठ दिया कि - मनुष्य को क्रोध त्याग देना चाहिये । कारण कि यह जिस हृदय में प्रकट होता है उसे भी जलाया है । तब दुसरों को जलावे इसमे तो कहना ही क्या ?
फिर परीक्षक ने परीक्षा ली तब अन्य सबने तो उपरोक्त पाठ सुना दिया किन्तु युधिष्ठर ने कहा - अभी पूरा पूरा याद नहीं हुआ है । तब परीक्षक उन्हें पीटने लगा, तो भी युधिष्ठर के मुख पर क्रोध के चिन्ह नहीं दिखाई दिये तब द्रोणाचार्य समझ गये कि युधिष्ठर ने अक्रोध का पाठ याद किया, अपने जीवन में भी उतार लिया है । तभी तो इतना पीटने पर भी इन्हें क्रोध नहीं आया ।
फिर द्रोणाचार्य ने युधिष्ठर को छाती से लगाकर कहा - "वत्स ! तुमने ही यथार्थ में पाठ याद किया है ।"
#### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ####
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्यराम सा ###

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें