#daduji
॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली*
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी,
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान)
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*= (९. गणना छप्पै पंचक. १) =*
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*नव निधि के नाम*
*छप्पय*
*प्रथम पद्म निधि कहत दुतीय पुनि महा पद्म सुनि ।*
*तृतीय संषसे नाम चतुर्थय मकर कहैं मुनि ॥*
*पञ्चम कच्छप होइ षष्ठ सो प्रगट मुकुन्दं ।*
*कुन्द सप्तमं जांनि अष्टमं निल्ल भणिंदं ॥*
*अब नवम षर्ब्ब कबिजन कहत*
*ये नव निधि के नाम हैं ।*
*कहि सुन्दर सन्तन आदरहिं*
*ते बंछहिं जु सकाम हैं ॥१॥*
शास्त्र में ९ निधि परिगणित हैं । उनमें १. प्रथम निधि का नाम हैं – पद्म । २, द्वितीय का महापद्म, ३. तृतीय – शंख । ४. चतुर्थ का नाम है – मकर । ५. पाँचवीं का नाम है – कच्छप । ६. षष्ठ का मुकुन्द । सातवीं का नाम – कुन्द । आठवीं का नाम है – निल्ल(नील) । तथा ९ नवमी का नाम है – खर्व । ये नव निधि कहि जाती हैं । इनका वे ही आदर करेंगे जो इन्हें जानना चाहते हैं ॥१॥
(क्रमशः)

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