सोमवार, 2 दिसंबर 2019

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🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
*दादू जल दल राम का, हम लेवैं परसाद ।*
*संसार का समझैं नहीं, अविगत भाव अगाध ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ विश्वास का अंग)*
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*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु* *भाग २* *दम*
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खेतड़ी में दादूपंथी सन्त नन्दरामजी की मंडली गई थी । करीब ४० संत थे । एक भक्त ने रसोई दी थी रसोईया से खांड के स्थान में भूल से नमक पड़ गया । नन्दरामजी के सहित सभी संत प्रथम परोसी खीर खा गये, किसी ने भी कुछ भी नहीं कहा । 
जब भक्त के घर के लोग जीमने लगे तब पता चला । भक्त दौड़कर के नन्दरामजी के पास गया और बड़ी नम्रता से क्षमा मांगते हुए पुन: दूसरे दिन का निमन्त्रण मनाया । इस चरित्र से गांव के लोगों की संतों पर बड़ी श्रद्धा हुई । जहां एक दिन रहने का ही प्रबन्ध था फिर वहां एक मास से ऊपर मण्डली ठहरी रही ।
दमी न रसना प्रिय चहें, चाहें भक्ति प्रचार ।
नमक क्षीर भक्षण करी, नन्दराम कर प्यार ॥२२५॥
#### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ####
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्यराम सा ###

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