🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
*एका एकी राम सों, कै साधु का संग ।*
*दादू अनत न जाइये, और काल का अंग ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ चेतावनी का अंग)*
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साभार ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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*श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु*
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भक्त के संग से सिंह भी भक्त -
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गढ मण्डल के राजा पीपाजी अपनी पत्नी सीताजी के सहित द्वारिकाजी के दर्शन करके लौट रहे थे ।मार्ग में उन्हें सिंह मिल गया । यह प्राय: मनुष्यों की हिंसा करता था । पीपाजी की ओर भी लपका । पीपाजी ने गले से तुलसी की माला निकाल कर सिंह के गले में डाल दी और श्री कृष्ण मंत्र का उपदेश कर दिया ।
भक्त सर्व हितकारणी दृष्टि काम कर गई । सिंह ने अपने अगले पैर जोड़ कर पीपाजी का उपदेश स्वीकार कर लिया। मांस का त्याग करके जप करने लगा और अन्त में भजन करते-करते दीक्षा के सातवे दिन प्राण त्याग करके दूसरे जन्म में जूना गढ का परम भक्त नरसी मेहता हुआ ।
भक्त संग से सिंह भी, हो जाता है भक्त ।
पीपा के उपदेश से, सिंह ईश अनुरक्त॥४८०॥
#### श्री दृष्टान्त सुधा सिन्धु ####
### श्री नारायणदासजी पुष्कर, अजमेर ###
### सत्यराम सा ###
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