गुरुवार, 5 मार्च 2020

दादू सहजैं सहजैं होइगा

卐 सत्यराम सा 卐
दादू सहजैं सहजैं होइगा, जे कुछ रचिया राम ।
काहे को कलपै मरै, दुःखी होत बेकाम ॥२॥
सांई किया सो ह्वै रह्या, जे कुछ करै सो होइ ।
कर्ता करै सो होत है, काहे कलपै कोइ ॥३॥

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