गुरुवार, 27 अगस्त 2020

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 🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷

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🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
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*लोभ मोह मद माया फंध,*
*ज्यों जल मीन न चेतै अंध ॥*
*दादू यहु तन यों ही जाइ,*
*राम विमुख मर गये विलाइ ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ पद्यांश. ३६)*
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साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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*#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु*, *कृपणता*
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अबन्ति देश-वासी धनाढ्य कृपण ब्राह्मण ने न तो आप खाया तथा न कुटुम्ब को खिलाया और धन रक्षा का दु:ख ही उठाया । अन्त में कृपणता दोष से उसने सम्पूर्ण धन से ही हाथ धो लिया । कुछ कुटुम्ब ने खोस खाया । कुछ चोर डाकू ले गये । घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया ।

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