🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
*आत्मराम विचार कर, घट घट देव दयाल ।*
*दादू सब संतोंषिये, सब जीवों प्रतिपाल ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ दया निर्वैरता का अंग)*
=================
साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
.
श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु ---------अहिंसा
############################
ईडावा गांव में संत दादूजी को दातुन के समय दूरजनदासजी ने एक इमली का हरा दातुन लाकर दिया, तब संत दादूजी ने कहा -
"सुखा सहजै कीजिये, गीला भाने नांहि ।
काहे को दुख दीजिये, साहिब है सब माँहिं ॥"
यह कहकर हरा दातुन करने को अपराध बताते हुए, उस दातुन को वहाँ ही गाड़ दिया, वह लग गया और विशाल इमली बन गया वह आज भी हरा बना हुआ है ।
दाँतुन हरा न करत हैं, पूर्ण अहिंसक साध ।
दादू ने हरा लख, रोपा कह अपराध ॥११९॥

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें