सोमवार, 11 जनवरी 2021

= ५९ =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
*दादू वाणी प्रेम की, कमल विकासै होहि ।*
*साधु शब्द माता कहैं, तिन शब्दों मोह्या मोहि ॥*
*दादू हरि भुरकी वाणी साधु की,*
*सो परियो मेरे शीश ।*
*छूटे माया मोह तैं, प्रेम भजन जगदीश ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ शब्द का अंग)*
=================
साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
.
श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु ---------कृतज्ञता
############################
भगवान रामचन्द्रजी सर्व समर्थ थे, उनकी शक्ति के आगे कपियों के काम कोई अधिकता नहीं रखते थे, तो भी उनने अयोध्या में जाकर अपने सहायक कपियों को यह कर कि - "आप लोगों की सहायता से ही रावणादि मारे गये । आप लोगों ने मेरी बड़ी सेवा की ।" सभा में कपियों की श्लाधा करते हुए कृतज्ञता प्रकट की थी, यह प्रसिद्ध है ।
अति समर्थ कृतज्ञ जन, लधु कृति का उपकार ।
मानत श्लाधा कपिन की, करी सुराम उदार ॥७६॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें