शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

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🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
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*निश्चल करतां जुग गये, चंचल तब ही होहि ।*
*दादू पसरै पलक में, यहु मन मारै मोहि ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ मन का अंग)*
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साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु ---------साधना 
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बहुत ऊँचे बांसों पर बँधे हुवे रस्से पर नटनी चल रही थी, उसी समय उसका बच्चा रोने लगा, इस कारण उसकी एकाग्रता भंग हो गई और वह पृथ्वी पर आ पड़ी । इससे सूचित होता है कि निज लक्ष्य से साधन में प्रमाद करे उसका नियम भंग नियम नहीं होता ।
सुरति हटे निज लक्ष से, साधक भी गिर जाय ।
बांस चढी नटनी पड़ी, शीध्र धरणि पर आय ॥१८५॥
### संत श्री नारायणदासजी पुष्कर अजमेर ॥
----------सत्यराम सा

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