बुधवार, 20 जनवरी 2021

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🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
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*पारब्रह्म सूं प्रीति निरन्तर,*
*राम रसायन भर पीवै ।*
*सदा आनन्द सुखी साचे सौं,*
*कहै दादू सो जन जीवै ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ पद्यांश. १९४)*
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साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु ---------ईश्वर
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तोला बागड़ सन्तवर दादूजी का भक्त था, वह जब भोजन करने लगता था, तब दो पत्तलें परसवाता था, दूसरी पत्तल पर भगवान जीमते थे । तोला बागड़ भगवान को देख देखकर आनन्द के साथ हँस हँसकर भोजन करता था । भगवान केवल उसे ही दीखते थे अन्य को नहीं । पत्तल में भोजन नहीं रहता था क्रम क्रम से ग्रास उठ जाते थे । 
यह सब लोग देखते थे । तोला बागड़ से यदि कोई पूछता था कि - तुम किससे बाते करते हो और क्यों हँसते हो ? तब वह कहता था कि भगवान से बाते करता हूँ और उन्हीं को देख देखकर आनन्द से हँसता हूँ । भगवान भोजन कर रहे है न ! इससे सूचित होता है कि ईश्वर भक्तों के साथ भोजन भी करते हैं ।
भक्त साथ भोजन करें, ईश्वर सह अनुराग ।
जीमत तोला बागड़ा, मुदित होत बड़भाग ॥१३०॥

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