🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
*दादू भोजन दीजे देह को, लिया मन विश्राम ।*
*साधु के मुख मेलिये, पाया आतमराम ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ साधु का अंग)*
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साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु ---------सेवा
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दादूपंथी सन्त नारायणदासजी ठाडेश्वर फुलेरा स्टेशन के पास ठण्डेरामजी का अखाड़े में प्राय: रहा करते थे । उनका नियम था कि प्रात:काल ही दोनों कन्धों में दो झोलाया डालकर निकल जाते थे और भिक्षा मांग कर लाते थे, उसी सेवा से अच्छे संत हो गये थे । उन्हे संत साहित्य का अच्छा ज्ञान था तथा परम विरक्त थे तो भी साधुसेवा में संलग्न थे । यह उनकी खास विशेषता थी ।
साधुसेवि सेवा करे, भिक्षा कर सहप्रेम ।
नारायण ठाडेश कर, सुनते अदभूत नेम ॥३३६॥

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