🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#०दृष्टान्त०सुधा०सिन्धु* 🌷
*जे हम जाण्या एक कर, तो काहे लोक रिसाइ ।*
*मेरा था सो मैं लिया, लोगों का क्या जाइ ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ साँच का अंग)*
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साभार ~ ### स्वामी श्री नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, अजमेर ###
साभार विद्युत् संस्करण ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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श्री दृष्टान्त सुधा - सिन्धु ---------दृढता
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सिक्ख गुरू गोविन्दसिंहजी ने मुसलमानों के द्वारा दिये हुये दु:ख भोगे, घर-बार लुटे, जीवित पुत्र दीवार में चुने गये, इत्यादिक अनेक दु:ख सहे । किन्तु अपनी दृढता से नहीं डिगे ।
क्लेश सहें सत्पुरुष पर, तजै न अपनी टेक ।
देखो गोविन्दसिंह ने, भोगे दु:ख अनेक ॥४२॥

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