शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2021

सजीवन का अंग २६ - ३७/३९

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🦚 *#श्रीदादूवाणी०भावार्थदीपिका* 🦚
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भाष्यकार - ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी आत्माराम जी महाराज, व्याकरणवेदान्ताचार्य । साभार विद्युत संस्करण ~ रमा लाठ
*#हस्तलिखित०दादूवाणी* सौजन्य ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
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*(#श्रीदादूवाणी ~ सजीवन का अंग २६ - ३७/३९)*
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*जीवित प्रकट ना भया, जीवित परिचय नांहि ।*
*जीवित न पाया पीव को, बूड़े भवजल मांहि ॥३७॥*
जिन्होंने जीते जी ब्रह्म का परिचय प्राप्त नहीं किया । न उसका ज्ञान ही प्राप्त कर सके । न जीव ब्रह्म की एकता को जाना, वे विवेक के अभाव से विषय जल से भरे हुए संसार सागर में डूबते हैं । लिखा है कि- जब तक अविवेकी पुरुष में मूढता भरी हुई तभी तक यह विषय उस विवेकविहीन को सुख देते हैं । जो विवेकशील विद्वान् हैं उनको न विषय सुख अच्छा लगता है न परिग्रह ही अच्छा लगता है ।
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*जीवित पद पाया नहीं, जीवित मिले न जाइ ।*
*जीवित जे छूटे नहीं, दादू गये विलाइ ॥३८॥*
जिन्होंने जीते जी परम पद को प्राप्त नहीं किया, न ब्रह्मका साक्षात्कार किया, न अपने कर्मबन्धनों को ही काट सके, वे इस भावसागर में नाना योनि धारण करके भटकते रहते हैं ।
सुभाषित में लिखा है कि- लक्ष्मी झूले की तरह चंचल स्वभाव वाली है । विषय भी बुढ़ापे में नीरस हो जाते हैं । घर तो विपत्ति का स्थान है । देह भी विपत्ति रूप ही है । धन मृत्यु का घर है । संसार शोक से भरा हुआ है । स्त्रियाँ भी बहुत दुःख देने वाली हैं । फिर भी अज्ञानी कुत्सित बुद्धि वाले इस घोर संसार के रास्ते में रत हो रहे हैं ।
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*दादू छूटे जीवतां, मूवाँ छूटे नांहि ।*
*मूवाँ पीछे छूटिये, तो सब आये उस मांहि ॥३९॥*
जीवन्मुक्त पुरुष ही विदेह मुक्ति प्राप्त कर सकता हैं । मरने के बाद विदेह मुक्ति नहीं होती ऐसा मानने से मरने के बाद सभी की ही मुक्ति हो जानी चाहिये । परन्तु ऐसा होता नहीं । श्रुति में भी कहा है कि जीवन्मुक्त को ही विदेह मुक्ति मिलती है । जीवन्मुक्त के लक्षण कह रहे हैं- लोभ मोह तथा आशा पाश से रहित है और न जिस को सुख भाता और न दुःख ही, ऐसा पुरुष जीवन्मुक्त होता है ।
सब भूतों में एक ब्रह्म को ही देखता है जिसका भेद और अभेद दोनों ही नष्ट हो गये और सर्वत्र एक ब्रह्म को ही देखता है वह जीवनमुक्त है । रिपु में भाई बन्धुओं में तथा अपने शरीर में जो एकत्वबुद्धि से देखता है उसको अपने शरीर के अवयवों की तरह किसी पर भी क्रोध नहीं आता ।
(क्रमशः)

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