मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

*हा हा१ हनू कियो काम घनों*

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏🇮🇳 *卐सत्यराम सा卐* 🇮🇳🙏
🌷🙏🇮🇳 *#भक्तमाल* 🇮🇳🙏🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
*खेलै शीश उतार कर, अधर एक सौं आइ ।*
*दादू पावै प्रेम रस, सुख में रहै समाइ ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ शूरातन का अंग)*
=================
*सौजन्य ~ #भक्तमाल*, *रचनाकार ~ स्वामी राघवदास जी,*
*टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान*
*साभार ~ श्री दादू दयालु महासभा*, *साभार विद्युत संस्करण ~ रमा लाठ*
*मार्गदर्शक ~ @Mahamandleshwar Purushotam Swami*
.
*हा हा१ हनू कियो काम घनों,*
*रजनी बिच शैल समूह ले आयो ।*
*मग दैत्य किये छल-छंद जिते सु,*
*तिते सब जीत के आतुर धायो ॥*
*मुरछे लक्ष वीर से धीर धरा,*
*धनि सेवक प्रात हि भ्रात जिवायो ।*
*राघो कहै रघुनाथ के साथ,*
*सदा हनुमंत कियो मन भायो ॥८१॥*
आश्चर्य है, आश्चर्य१ है, हनुमान् जी ने बहुत२ काम किया है । देखो रात्रि के समय पर्वतों के समूह में से सजीवनी बूंटी वाले द्रोणाचल को ले आये थे ।
.
जाते समय मार्ग में कालनेमि दैत्य ने जितने कपट३-के-जाल रचे थे उन सबको नष्ट करके शीघ्रता से गये थे ।
.
लाख वीरों के समान धैर्यशाली वीरवर लक्ष्मण जी मूर्छित होकर धरा पर शयन कर रहे थे । रामजी के सेवक हनुमान् जी ने सजीवनी बूंटी लाकर सूर्योदय से पहले ही रामजी के लघु भ्राता लक्ष्मण जी को जिवा दिया था ...
.
तथा हनुमान् जी रघुनाथ रामजी के साथ रहकर सदा ही रामजी का प्रिय कार्य करते रहे हैं । अतः यतिवर महावीर हनुमान् जी को बारंबार धन्यवाद है ।
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें