बुधवार, 5 मई 2021

शब्दस्कन्ध ~ पद #. २

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🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🦚 *#श्रीदादूवाणी०भावार्थदीपिका* 🦚
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भाष्यकार : ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामीआत्माराम जी महाराज,व्याकरण वेदांताचार्य श्रीदादू द्वारा बगड़,झुंझुनूं ।
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*(#श्रीदादूवाणी शब्दस्कन्ध ~ पद #. २)*
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२. अन्य उपदेश । त्रिताल
*राम नाम जनि छाड़े कोई,*
*राम कहत जन निर्मल होई ॥टेक॥*
*राम कहत सुख संपति सार,*
*राम नाम तिर लंघे पार ॥१॥*
*राम कहत सुधि बुधि मति पाई,*
*राम नाम जनि छाड़हु भाई ॥२॥*
*राम कहत जन निर्मल होई,*
*राम नाम कहि कश्मल धोई ॥३॥*
*राम कहत को को नहिं तारे,*
*यहु तत दादू प्राण हमारे ॥४॥*
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भा० दी०-हे भ्रातरः ! रामनामस्मरणं केनाऽपि न हातव्यम् । यतो हि तत्स्मरणेन प्राणात्मा निष्पापो भवति । सुखं संपदश्च प्राप्नोति जीवः । शुद्धबुद्ध्याऽऽत्मज्ञानमधिगच्छति । हृदयस्थाः कामादिविकारा: विनश्यन्ति । मनसो महामोहो विलीयते । संसाराधि तीर्खा पारमेति । कथय रामनाम्ना कस्य कस्य समुद्धारो न जातः । अपितु सर्वस्य। रामनाम्नः स्मरणमिदं मम प्राणाधारः । अत: कथमपि तन्न विस्मरिष्यामि ।
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हे भाइयो ! राम नाम स्मरण को कभी मत त्यागो, क्योंकि उसके चिन्तन से जीवात्मा शुद्ध निष्पाप हो जाता है, सुख संपदा प्राप्त हो जाती है, बुद्धि की शुद्धता से आत्मज्ञान भी प्राप्त हो जाता है तथा कामादि विकार व मन का मोह जाल नष्ट हो जाता है और संसार समुद्र को पार कर जाता है ।
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कहिये, राम नाम के स्मरण से किस का उद्धार नहीं हुआ ? अर्थात् सबका ही उद्धार हो गया । मेरे लिये तो राम नाम स्मरण ही जीवन का आधार है । मैं किसी भी हालत में उसका स्मरण करना नहीं छोड़ सकता हूं ।
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आर्तत्राणस्तोत्र में लिखा है कि- अत्यन्त पापी अजामिल नामक ब्राह्मण पाप-रूपी दावानल से जलता हुआ भी राम नाम स्मरण मात्र से सदा के लिये मुक्त हो गया । उसकी बुद्धि तत्काल भागवत् धर्मों में लग गई और वह ही आगे अम्बरीष नाम से प्रसिद्ध भक्त हुआ । ऐसे आर्तत्राण परायण नारायण मेरे रक्षक हैं ।
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स्कन्द पु. में लिखा है कि- कर्म से वाणी ओर मन से उत्पन्न होने वाले पाप नहीं, जो कलियुग में भगवान् के नाम स्मरण मात्र से नष्ट न होता हो ।
(क्रमशः)

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