बुधवार, 4 जनवरी 2023

*दोउ सुता मिल गायन हू युग*

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🙏🇮🇳 *卐सत्यराम सा卐* 🇮🇳🙏
🌷🙏🇮🇳 *#भक्तमाल* 🇮🇳🙏🌷
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*साचे को झूठा कहैं, झूठा साच समान ।*
*दादू अचरज देखिया, यहु लोगों का ज्ञान ॥*
*(#श्रीदादूवाणी ~ निन्दा का अंग)*
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*सौजन्य ~ #भक्तमाल*, *रचनाकार ~ स्वामी राघवदास जी,*
*टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान*
*साभार ~ श्री दादू दयालु महासभा*, *साभार विद्युत संस्करण ~ रमा लाठ*
*मार्गदर्शक ~ @Mahamandleshwar Purushotam Swami*
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*दोउ सुता मिल गायन हू युग,*
*नाचत हैं चहुँ भाव दिखावै।*
*माम हि सालग भूप दिवान हि,*
*बात निषिद्ध हि आप लखावै ॥*
*पंडित दीरघ१ और जुरे सब,*
*भांड करे इन को समझावै।*
*भूप बुलावत भृत्य पठावत,*
*आय कहा दरबार बुलावै ॥२९८॥*
मिलकर अब तो नरसी जी की प्रेमावती दोनों कन्यायें और साथ २ वे दोनों गाने वाली, चारों मिलकर प्रभु के आगे बाजे बजा-बजा कर गाते हुये भाव दिखाकर नाच करती थीं।
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यह सब देखकर नरसी जी का मामा सालग नामक ब्राह्मण जो जूनागढ़ मंडल के राजा का प्रधानमंत्री था, लड़कियों का नाचना रूप बात उसको बहुत बुरी दिखाई देती थी। इससे उसने राजा को बताया कि नरसी बड़ा विपरीत आचरण करता है।
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सो पंडितों की सभा बुलाकर उसे समझाने की आप अनुमति दीजिये। राजा से अनुमति लेकर नरसी जी को बदनाम१ करके समझाने के लिए बड़े-बड़े पंडितों तथा अन्य लोगों को भी एकत्र करके उसने कहा--" आप सब शास्त्र रीति से परास्त करके नरसी को कुमार्गी सिद्ध करो, फिर हम उसको देश से निकाल देंगे।"
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पश्चात् उसने नरसी को बुलाने के लिए चार सिपाही यह कहकर भेजे कि-नरसीजी आप को राजा बुलाते हैं शीघ्र चलो। उन्होंने जाकर कहा- आपको दरबार बुलाते हैं। हमारे साथ अभी ही चलो।
(क्रमशः)

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