🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🦚 *#श्रीदादूवाणी०भावार्थदीपिका* 🦚
*https://www.facebook.com/DADUVANI*
भाष्यकार : ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी आत्माराम जी महाराज, व्याकरण वेदांताचार्य, श्रीदादू द्वारा बगड़, झुंझुनूं ।
साभार : महामण्डलेश्वर स्वामी अर्जुनदास जी महाराज, बगड़, झुंझुनूं ।
*#हस्तलिखित०दादूवाणी* सौजन्य ~ महन्त रामगोपालदास तपस्वी तपस्वी
*(#श्रीदादूवाणी शब्दस्कन्ध ~ पद #३७४)*
*राग भैरूं ॥२४॥**(गायन समय प्रातः काल)*
===========
*३७४. उत्तम ज्ञान स्मरण । चौताला*
*तन ही राम मन ही राम, राम हृदय रमि राखि ले ।*
*मनसा राम सकल परिपूरण, सहज सदा रस चाखि ले ॥टेक॥*
*नैनां राम बैनां राम, रसनां राम सँभारि ले ।*
*श्रवणां राम सन्मुख राम, रमता राम विचारि ले ॥१॥*
*श्वासैं राम सुरतैं राम, शब्दैं राम समाइ ले ।*
*अंतर राम निरंतर राम, आत्मराम ध्याइ ले ॥२॥*
*सर्वैं राम संगैं राम, राम नाम ल्यौ लाइ ले ।*
*राम भीतर राम, दादू गोविन्द गाइ ले ॥३॥*
शरीर मन बुद्धिहृदय में सर्वत्र रामरमण कर रहा हैं । अतः उसी का ध्यान करो । सहजावस्था में स्थित होकर राम नाम का रसास्वादन करो । नेत्रों से सदा सर्वत्र राम को ही देखो । कानों से राम सम्बन्धी गुणों को सुनो । सब जगह जब राम रमण कर रहा है तो जो भी तुम्हारे सामने आये उन सबको राम ही समझो । प्रतिश्वास राम का स्मरण अकरो ।
.
हरेक वृत्ति से राम का ध्यान करो क्योंकि राम सब में मौजूद हैं । ऐसे राम को परब्रह्म परमात्मा मानकर उसका आराधन करो । क्योंकि राम सर्वरूप सर्वसंगी हैं । ऐसा जान कर उसी में अपनी मनोवृत्ति को लगावो । बाहर अन्दर सर्वत्र राम ही विराजते हैं । ऐसा जानकर रामनाम के स्मरण से और उसके यशोगान से उसको प्राप्त करो ।
.
महारामायण में कहा है कि –
भरण-पोषण करने वाला तथा शरणागतपालक सर्वव्यापक दयालु षड्गुण ऐश्वर्यशाली राम ही साक्षात् भगवान् हैं ।
.
अध्यात्मरामायण में –
राम को सच्चिदानन्द अद्वय सर्व उपाधि निर्मुक्त तथा सत्ता मात्र और सर्वथा इन्द्रियों के अविषय परब्रह्म ही जानो । सर्वोपनिषत्सारसंग्रह में जो तत्त्वस्वरुप पुराणपुरुषोत्तम अपने तेज से सारे विश्व को प्राप्त करने वाले रविमण्डल में स्थित विश्व का ईश्वर राजाधिराज राम हैं । उसको मैं भजता हूँ । निरंजन निरीह निराश्रय कलारहित प्रपञ्च से अतीत नित्य ध्रुव निर्विषय प्रतिमारहित राम को मैं भजता हूँ ।
(क्रमशः)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें