शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

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*सूरज कोटि प्रकास है, रोम रोम की लार ।*
*दादू ज्योति जगदीश की, अंत न आवै पार ॥*
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*साभार ~ @Subhash Jain*
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वे जो हरि के प्रेम में दीवाने हैं, वे तो भीग गए। वे तो अमृत से भीग गए। वे तो आर्द्र हो गए। उनके तो रोएं-रोएं में अमृत भर गया। वे तो झील की तरह भर गए। खाली थे, तरंगे लेने लगा परमात्मा उनमें।
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“कहै कबीर भान के प्रकटे, उदित भया तम खीना।”
और जब भान उगा, भीतर का सूरज उगा, तब अंधकार क्षीण हो गया। सदा के लिए क्षीण हो गया। बाहर का सूरज उगता है, अंधकार क्षीण होता है–सदा के लिए नहीं। 
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फिर रात आ जाती है। दीया जलाओ, अंधकार बाहर जाता है, कब तक ? थोड़ी देर में तेल चुक जाएगा, बाती बुझ जाएगी, अंधकार फिर भीतर आ जाएगा। बाहर का प्रकाश क्षणिक है और अंधकार शाश्वत है। यह बड़े मजे की बात है। अंधकार को करने के लिए कुछ भी नहीं करना पड़ता। 
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बिना दीये के चलता है, बिना तेल के जलता है। दीये को जलाओ–तेल लाओ, बाती लाओ, हजार उपद्रव हैं। फिर भी क्षण भर जलता है, फिर बुझ जाता है।
बाहर अंधकार शाश्वत है, प्रकाश क्षणिक है। भीतर इससे ठीक उलटी स्थिति है; अंधकार क्षणिक है, प्रकाश शाश्वत है। 
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एक बार मिटा लो, सदा के लिए मिट जाता है। अगर भीतर का प्रकाश भी तेल और बाती पर निर्भर होता, तो फिर आत्मा को पा-पा कर खोना पड़ता। परमात्मा से मिल-मिल कर टूटना पड़ता। पहुंच-पहुंच कर मार्ग खो जाता है। मंजिल आ-आ कर भटक जाती। बहुत उपद्रव हो जाता।
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वह जो भीतर का प्रकाश है, वह जलता है बिन बाती बिन तेल। एक बार उसकी प्रतीति हो जाए–वह जल ही रहा है। अभी भी तुम्हारे भीतर जल रहा है। वह कभी बुझता ही नहीं। उसे जलाना नहीं है, सिर्फ आंख मोड़नी है। सिर्फ नजर डालनी है। सिर्फ पहचानना है।
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“कहै कबीर भान के प्रकटे”—
और जब भीतर का भान, भीतर का सूरज प्रकट होता है;
“उदित भया तम खीना–”
और तम सदा के लिए क्षीण हो गया। ज्ञान की यह आंधी–इसके दो हिस्से हैं। पहले तो तुम्हें मिटाती है, फिर तुम्हें आर्द्र कर देती है, भिगाती है। पहले तुम्हें कूटती है, पीटती है, नष्ट करती है। अगर तुम राजी हुए टूटने को, मिटने को, खाली होने को तो फिर तुम्हें भरती है।
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जो खाली होने से ही डर गया, उसके जीवन में दूसरा चरण नहीं घट पाता। तो पांडित्य पैदा हो सकता है। पांडित्य बड़ा सुरक्षापूर्ण है। उसमें न कोई आंधी है, न तूफान है, न कोई खतरा है। शास्त्र लिए बैठे रहो; अध्ययन करते रहो। तुम अछूते बने रहोगे।
ओशो

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