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*वाचा बंधी जीव सब, भोजन पानी घास ।*
*आत्म ज्ञान न ऊपजै, दादू करहि विनास ॥*
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*साभार ~ @Subhash Jain*
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#नेपोलियन का नाम तुमने सुना होगा। नेपोलियन इतना बहादुर आदमी था कि अगर शेर सामने आ जाए, तो वो पीठ न दिखाए, लेकिन बिल्ली से नेपोलियन डर जाता था।
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छोटा था, छ: महीने का, तब एक जंगली बिल्ली उसकी छाती पे चढ़ गई। उसने कोई नुकसान नहीं पहुँचाया। नौकर ने आके बिल्ली को हटा दिया। लेकिन छ: महीने के नेपोलियन के मन पर बिल्ली की एक बड़ी भयानक तस्वीर बन गई। उसे याद भी नहीं रहा कि कभी बिल्ली मेरे ऊपर चढ़ी थी।
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छ: महीने की कौन सी याद रहती है। लेकिन चित्त के अचेतन हिस्सों में, अनकांशस में बिल्ली बैठी रह गई। नेपोलियन इतना बड़ा बहादुर सिपाही हो गया, लेकिन बिल्ली अगर कोई सामने ले आए, तो उसके हाथ-पैर कँप जाते थे।
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जिस युद्ध में नेपोलियन हारा, शायद तुम्हें पता न हो, उसका जो दुश्मन था, नेल्सन, वो सत्तर बिल्लियाँ अपनी फ़ौज के सामने बाँधके ले आया था। जैसे ही नेपोलियन ने बिल्लियाँ देखीं, उसके हाथ-पैर कँप गए। और उसने अपने बगल के सैनिक को कहा, “आज जीत मुश्किल है।”
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और वो पहली हार थी उसकी, उसके पहले वो कभी नहीं हारा। इतनी छोटी सी बात, इतना परिणाम ला सकती है ! अगर नेपोलियन की छाती पे बिल्ली न चढ़ी होती, तो आज दुनिया का सारा इतिहास दूसरा होता। अगर नेपोलियन नेल्सन से जीत जाता, तो दुनिया बिल्कुल दूसरी होती।
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एक छोटी सी बिल्ली ने सारी दुनिया का इतिहास बदल दिया। वो दो मिनट के लिए न चढ़ती नेपोलियन की छाती पर, तो आज सारी दुनिया का इतिहास ही दूसरा होता। क्योंकि नेपोलियन जीतता, तो सारी बात बदल जाती, नेपोलियन हारा, तो सारी बात बदल गई।
ओशो; नारी और क्रान्ति

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