रविवार, 14 दिसंबर 2025

विद्वानों के भाषण

*#daduji*
*॥ श्री दादूदयालवे नम: ॥*
*॥ दादूराम~सत्यराम ॥*
*"श्री दादू पंथ परिचय" = रचना = संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान =*
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१० आचार्य दिलेराम जी
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नारायणा दादूधाम में उक्त मंदिर विशाल तथा सुन्दर बना हुआ है । नारायणा नगर में यही दर्शनीय स्थान माना जाता है । इसके प्रथम द्वार के पास ही सुन्दर सरोवर है । इस मंदिर के दर्शन करने भारत के कौने २ से साधु संत तथा सभी समाजों के सज्जन प्रतिदिन आते ही रहते हैं । 
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अति श्रद्धा पूर्वक दर्शन करके प्रसन्न होते हैं । नारायणा दादूधाम में फाल्गुण शुक्ला पंचमी से एकादशी तक दादू जी के आविर्भाव के दिन के उपलक्ष में मेला भरता है तब हजारों दादूपंथी तथा अन्य समाजों के सज्जन भी बहुत आते हैं । अन्य समाजों के संत भी आते हैं । 
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इस मेले में मंदिर दर्शन, खेजडा दर्शन, गरीब गुहा दर्शन, छत्रियों के दर्शन, आचार्य व संत दर्शन का उत्तम लाभ यात्रीगण प्राप्त करते हैं और विरक्तों की बारहदरी में जागरण तथा सत्संग होता है । खेजडाजी के जागरण तथा सत्संग होता है, गरीबदासजी के स्थान पर जागरण होता है । 
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मुख्य मंदिर में जागरण होता है तथा सत्संग प्रतिदिन होता है । आचार्यजी की बारहदरी में जागरण होता है । उक्त प्रकार पंचमी से एकादशी तक पांच तो जागरण होते हैं जिनमें उच्च कोटि के अनेक गायक आते हैं । मुख्य मंदिर का जागरण अष्टमी को बहुत ही सुन्दर होता है । अनेक स्थानों में संकीर्तन भी होते हैं । धार्मिक जनता के लिये सप्ताह सत्संग रुप ही होता है । 
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रात्रिको विद्वानों के भाषण भी होते हैं । श्रद्धालु मंदिर में भेंट चढाते हैं । खेजडा जी तथा छत्रियों के प्रसाद चढा - चढा कर बांटते रहते हैं । पर्वों पर हिन्दू जनता अपने बालकों के जडूले उतारने आती रहती है । यह धाम दादू पंथियों का मुख्य तीर्थ है । मंदिर निर्माण के समय आदि का विवरण मंदिर की पेड़ियों के पास खडे हुये कीर्ति स्तभं के शिला लेख से मिल जाता है ।
(क्रमशः)  

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