शनिवार, 6 दिसंबर 2025

कोटा गमन ~

*#daduji*
*॥ श्री दादूदयालवे नम: ॥*
*॥ दादूराम~सत्यराम ॥*
*"श्री दादू पंथ परिचय" = रचना = संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान =*
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१० आचार्य दिलेराम जी
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कोटा गमन ~ 
बूंदी से चलकर आचार्य दिलेरामजी शिष्य मंडल के सहित जिज्ञासुओं को ब्रह्मभक्ति का उपदेश करते हुये कोटा के पास पधारे । तब कोटा जिज्ञासुओं केशरीसिंहजी आचार्य दिलेरामजी महाराज को शिष्य मंडल के सहित राजकीय स्वागत सत्कार से अगवानी करके कोटा नगर में लाये और सुन्दर तथा एकान्त स्थान में ठहराया और सब प्रकार की सेवा का सुचारु रुप से प्रबन्ध कर दिया । सत्संग होने लगा । 
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कोटा की धार्मिक जनता दादूवाणी के मधुर प्रवचनों को सुनकर अपने को कृत - कृत्य समझने लगी । फिर एक दिन कोटा नरेश ने आचार्य जी को सुवर्ण मुद्रा चढाकर गुरु उपदेश ग्रहण किया । फिर आचार्य दिलेरामजी जब तक कोटा में रहे तब तक कोटा नरेश आचार्य जी के पास जाकर उनके मुख से मधुर उपदेश सुनते रहे थे । उस समय कोटा नरेश आचार्य जी में अति श्रद्धा रखते थे । 
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कोटा में स्थित दादूपंथी नागे साधुओं ने भी आचार्य दिलेरामजी का अच्छा सम्मान किया था । उस समय कोटा में महन्त संतोषदासजी, महन्त हरदासजी, महन्त कूंजदासजी तथा जमातों के साधु निवास करते थे । सभी साधुओं ने बहुत सम्मान के साथ हजारों रुपये आचार्य दिलेरामजी की भेंट करके अति श्रद्धा का परिचय दिया था ।  
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रामत में ठाकुर अजीतसिंह के जाना ~
फिर कोटा से आचार्य दिलेरामजी शिष्य मंडल के साथ माखूजी महाराज के थांबे के महन्त किशनदासजी के मकान में पधारे । उन्होंने भी शिष्य मंडल के सहित आचार्य जी को अच्छी सेवा की । फिर आचार्य जी ने ब्रह्मभक्ति का प्रचार करते हुये मेवाड तथा मारवाड की रामत की । 
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इसी रामत में सान्दरिया के ठाकुर अजीतसिंहजी शिष्य मंडल के सहित आचार्य दिलेरामजी को अति आग्रह करके अपने ग्राम में ले गये । संत मंडल के सहित आचार्यजी की अच्छी सेवा की और ५५१) रु. भेंट करके गुरु उपदेश ग्रहण किया । उक्त प्रकार रामत करते हुये फाल्गुण शुक्ला पंचमी को सामेला के साथ नारायणा दादूधाम, दादूद्वारे में प्रवेश किया । फिर मेले का कार्यक्रम होता रहा । 
(क्रमशः)  

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