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॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली*
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी,
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान)
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*= फुटकर काव्य, ५. मध्याक्षरी - ३ =*
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*चौपाई*
*पोवै कहा सूत्र कै मांहिं ॥ मनिका ॥*
*नाद सुनत चालै कौ नांहिं ॥ कुरंग ॥*
*सीस कवन कै अंकुश गंजन ॥ कुंजर ॥*
*को बिदेह भजि भयौ निरंजन ॥ जनक ॥*
*कौन नगर जहां उपजै लौंन ॥ सांभर ॥*
*नदी नाथ सौ कहिये कौन ॥ सागर ॥*
*का ऊपर असवार चढन्त ॥ पवंग ॥*
*कहा कटै भजतें भगवन्त ॥ पातक ॥*
*दुखदाइक सो कहिये कौंन ॥ असुर ॥*
*गिर कैलाश कवन कौ भौन ॥ शंकर ॥*
*पंथी कौं का दीजै भेव ॥ संदेस ॥*
*कौन त्यागि चाले सुकदेव ॥ भवन ॥*
*कौन बन मैं गहि बैठै मौंन ॥ उदास ॥*
*हस्ती कै सिर शोभा कौन ॥ सिंदूर ॥*
*काके कीये कनक अवास ॥ सुदामा ॥*
*त्यागि कौन सु दादूदास ॥४॥ बासना ॥३॥*
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प्रश्न : सूत्र में क्रमबद्ध क्या डाला(पोया) जाता है ? उत्तर : मणिक(मणिया) ।
प्रश्न : नाद श्रवण से कौन स्थिर हो जाता है ? उत्तर : मृग
प्रश्न : किसके शिर पर अंकुश का प्रहार किया जाता है ? उत्तर : हाथी ।
प्रश्न : देहासक्ति त्याग कर कौन राजा ज्ञानी(निरञ्जन का भक्त) हुआ ? उत्तर : जनक
प्रश्न ; (भारत के) किस नगर में नमक उत्पन्न होता है ? उत्तर : सांभर (राजस्थान)
प्रश्न ; नदीनाथ(सरित्पति) कौन कहा जाता है ? उत्तर : समुद्र
प्रश्न : शीघ्रगमन के लिये किस पर आरोहण किया जाता है ? उत्तर : अश्व
प्रश्न : भगवान् के भजन से क्या कटता है ? उत्तर : पाप
प्रश्न : मनुष्य को कौन दुःखदायी होते हैं ? उत्तर : असुर, पापी ।
प्रश्न : कैलास पर्वत किस का वासस्थान है ? उत्तर : महादेव
प्रश्न : यात्री को क्या भेद देना चाहिये ? उत्तर : प्रिय का सन्देश ।
प्रश्न : शुकदेव ने क्या त्याग दिया था ? उत्तर :अपना घर, परिवार ।
प्रश्न : वन में जाकर कौन बैठता है ? उत्तर : संसार से उदासी पुरुष ।
प्रश्न : नारी या हस्ती के शिर पर क्या शोभा देता है ? उत्तर : सिन्दूर ।
प्रश्न : भगवान् ने किसको सुवर्ण प्रासाद बना दिये थे ? उत्तर : सुदामा ।
प्रश्न : महाराज श्रीदादूदयाल ने क्या त्यागा था ? उत्तर : वासना ॥
इति मध्याक्षरी प्रकरण सम्पन्न ॥
॥ इति मध्याक्षरी ॥५॥
(क्रमशः)
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